इतिहास
पश्चिम सिंहभूम झारखंड का सबसे पुराना जिला है। 1837 में कोल्हण पर ब्रिटिश विजय के बाद, एक नए जिले को परिणाम स्वरूप सिंहभूम के रूप में जाना जाने लगा एवं इसका मुख्यालय चाईबासा था। बाद में सिंहभूम को पूर्व सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावाँ तीन जिलों में विभाजित किया गया। पश्चिमी सिंहभूम जिले का मुख्यालय चाईबासा को ही रखा गया है।
नवनिर्मित झारखण्ड राज्य के दक्षिणी भाग में पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित है और राज्य का सबसे बड़ा जिला है। यह जिला 210 58 ‘और 230 36’ उत्तरी अक्षांश और 850 0 ‘और 86 54’ पूर्वी देशांतर में फैला हुआ है। समुद्र तल से 244 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका क्षेत्रफल 5290.89 वर्ग किलोमीटर है। जिले के उत्तर में खुँटी, पूर्व में सरायकेला-खरसावाँ, दक्षिण में उड़िसा का केउन्झर, मयूरभंज और सुन्दरगढ़ और पश्चिम में झारखण्ड का सिमडेगा एवं उड़िसा का सुन्दरगढ़ सीमाबद्ध है। यह जिला पहाड़ी ढलानों पर घाटियाँ, खड़ी पहाड़े और घने जंगलों से भरा पड़ा है। पश्चिमी सिंहभूम जिले की आबादी का अधिकांश हिस्सा जनजातीय आबादी का है।